Jun 24

शांत हो श्रीगुरुदत्ता। ममचित्ता शमवी आता॥

 

शांत हो श्रीगुरुदत्ता। ममचित्ता शमवी आता॥ तू केवळ माता जनिता। सर्वथा तू हितकर्ता। तू आप्त स्वजन भ्राता। सर्वथा तूची त्राता॥ भयकर्ता तू भयहर्ता। दंड धरिता तू परिपाता। तुज वाचुनी न दुजी वार्ता। तू आर्ता आश्रय दत्ता॥ मम चित्ता शमवी आता। शांत हो श्रीगुरुदत्ता॥धृ॥

अपराधास्तव गुरुनाथा। जरी दंडा धरिसी यथार्था। तरी आम्ही गावूनी गाथा। तव चरणी नमवू माथा॥ तु तथापि दंडिसी देवा। कोणाचा मग करु धावा। सोडविता दुसरा तेंव्हा। कोण दत्ता आम्हा त्राता॥ मम चित्ता शमवी आता। शांत हो श्रीगुरुदत्ता॥धृ॥

तू नटसा होवूनी कोपी। दंडिताही आम्ही पापी। पुनरपिही चुकतां तथापि। आम्हावरी नच संतापी॥ गच्छत:स्खलनं क्वापी। असे मानुनी नच हो कोपी। निज कृपा लेषा ओपी। आम्हावरी तु भगवंता॥ मम चित्ता शमवी आता। शांत हो श्रीगुरुदत्ता॥धृ॥

तव पदरी असतां ताता। आडमार्गी पाऊल पडता। सांभाळूनी मार्गा वरिता। आणिता न दुजा त्राता॥ निज बिरुदा आणुनि चित्ता। तु पतित पावन दत्ता। वळे आतां आम्हां वरतां। करुणा घन तूं गुरुनाथा॥ मम चित्ता शमवी आता। शांत हो श्रीगुरुदत्ता॥धृ॥

सहकुटूंब सहपरिवार। दास आम्ही हे घरदार। तवपदी अर्पू असार। संसाराहीत हा भार॥ परि हरिसी करुणा सिंधो। तूं दिनानाथ सुबंधो।आम्हा अघलेष न बाधो। वासुदेव प्रार्थीत दत्ता॥

मम चित्ता शमवी आता। शांत हो श्रीगुरुदत्ता॥धृ॥

श्री गुरुदेव दत्त ...!!!

Jun 22

श्री बावन्नश्लोकी गुरुचरित्र :: अध्याय बारावा

52 shloki gurucharitra :: Adhyay 12

श्री गुरुदेव दत्त ...!!!

Jun 21

श्री बावन्नश्लोकी गुरुचरित्र :: अध्याय अकरावा

52 shloki gurucharitra :: Adhyay 11

श्री गुरुदेव दत्त ...!!!

Jun 20

श्री बावन्नश्लोकी गुरुचरित्र :: अध्याय दहावा

52 shloki gurucharitra :: Adhyay 10

श्री गुरुदेव दत्त ...!!!

Jun 19

श्री बावन्नश्लोकी गुरुचरित्र :: अध्याय नववा

52 shloki gurucharitra :: Adhyay 9

श्री गुरुदेव दत्त ...!!!

◄ Older PostsNewer Posts ►
Start Jap Online